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Me or Dusari Duniya Part 3

मै और दूसरी दुनिया भाग 3

Me or Dusari Dunia Part 3

मै और दूसरी दुनिया भाग 3

कहानी लेखक :- योगेश चंद्र शर्मा

लीगल राइट्स – यह कहानी पूर्णतया कल्पना पर आधारित हे जिसका किसी वास्तविक जीवन से कोई लेना देना नहीं हे एवं लेखक ने स्वयं इसे कल्पना के आधार पर लिखा हे यदि कोई व्यक्ति इस कहानी को कही भी किसी भी रूप मे काम मे लेता हे तो उस व्यक्ति को पहले लेखक को इस कहानी का पूर्ण भुगतान करना होगा। यदि कोई व्यक्ति लेखक की अनुमति के बिना अपने काम मै लेगा तो लेखक को स्वतंत्र रूप से उस व्यक्ति पर क़ानूनी कार्यवाही करने का पूर्ण अधिकार होगा। जिसके समस्त हर्जे खर्चे का जिम्मेदार इस कहानी का दुरूपयोग करने वाला वह व्यक्ति स्वयं होगा। कृपया कहानी को लेखक से ख़रीदे बिना कही भी प्रयोग मै न लाये।

यह कहानी “मै और दूसरी दुनिया पार्ट-2” के आगे का हिस्सा हे।

जिकारुल से मुझे मिली भविष्य देखने की शक्ति के बारे में बताने के लिए मेने सोशल मीडिया का सहारा लिया। मेने अपने भविष्य देखने के वीडियो बनाये और सोशल मीडिया पर डालने शुरू किये साथ ही जिन लोगो का मे भविष्य देख रहा था उन लोगो ने भी मेरे इस काम मे वीडियो शेयर कर के सहयोग किया। जहा-जहा मेरे वीडियो पहुंचते चले गए लोग मेरी इस अद्भुत शक्ति के मुरीद बन गए।

शुरुवात में कुछ लोगो ने मेरी इस भविष्य देखने की शक्ति का मज़ाक भी उड़ाया और कुछ ने तो इसे मानने से भी मना कर दिया पर जैसे जैसे इस शक्ति के चमत्कार लोगो को दिखते चले गए लोग मेरी कही हर बात को पत्थर की लकीर की तरह मानने लगे। सब कुछ वैसे ही हो रहा था जैसा जिकारुल चाहता था और में भी खुश ही था, किसी भी बहाने से मुझे लोगो के बिच एक पहचान तो मिल ही गयी थी।

पर कभी कभी मेरे पास चाहे अनचाहे लोग भी आने लगे जिसमे से कुछ खास नमूने तो ऐसे भी थे जिनका भविष्य देख कर न चाहते हुए भी हसी आ जाती थी जैसे किसी आदमी को उसकी सास पिट रही हे, तो कोई सोशल मीडिया अकाउंट पर कमेंट करने की वजह से मार खा रहा हे। किसी का पति उसकी पत्नी के ज्यादा बोलने की वजह से उससे दूर भाग जाता, तो कही किसी की गर्लफ्रैंड किसी और के साथ घूमती मिल जाती।

कुल मिला कर सब कुछ सामान्य चल रहा था पर दुसरो का भविष्य देखने वाला में खुद अपना भविष्य देखना नहीं भूलता था ताकि आने वाली परेशानी से में पहले ही वाकिफ हो जाऊ।
इन सब के बिच मेरा काम बढ़ने के साथ साथ जिकारुल का भी काम बढ़ गया था और मुफ्त में भविष्य जानने वालो की लाइन दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी लाइन इतनी लम्बी हो चुकी थी की मुझे खाने पिने का भी समय नहीं मिल पा रहा था और जब मुझे ही समय नहीं मिल रहा था तो जो इसका सही जवाब देने वाले जिकारुल का हाल आप सोच ही सकते हे क्या हुआ होगा।

आखिर न चाहते हुए भी बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए टिकट और अपॉइंटमेंट सिस्टम की शुरुवात की गयी इसी बहाने कुछ लोगो को रोजगार भी मिल गया और मै खुद अब तक अपने आप मै एक ब्रांड-नेम बन चुका था।
एक तरफ मेरी शोहरत और नाम बहते पानी की तरह हर जगह पाव पसार रहा था तो दूसरी और मेरे कई दुश्मन भी मार्केट मै तैयार हो चुके थे।

इंसानी फितरत भी तो गजब की चीज़ हे हम खुद आगे बढे न बढे पर कोई हमसे आगे न बढ़े कुछ यही विचार मेरे विरोधियो के मन मै भी उछाल मार रहे थे।

इसलिए मेरे खिलाफ कई लोगो ने सोशल मीडिया और टीवी चैनल के माध्यम से भी मेरी उभरती छवि को धूमिल करने का पूरा प्रयास किया जिसमे सबसे आगे देश के न्यूज़ चैनल रहे।
शाम होते ही टीवी के न्यूज़ चॅनेल पर 2 ही बातो का जिक्र होता था एक तो मेरे पास ये ताकत आयी कैसे और दूसरा ये की मै दुनिया को गुमराह कर रहा हु।
कुछ टीवी चैनल ने मेरे बारे मै इतना ज़ूम कर के टीवी पर बताया था की मेरे पास जो जिकारुल का दिया हुआ वो यन्त्र था जिसकी वजह से मै जिकारुल से कांटेक्ट कर के लोगो का भविष्य देख पा रहा था उसके बारे मै जान लिया था।

पहले मेरे पास टीवी पर चलने वाले न्यूज़ चैनल की टीम इंटरव्यू लेने के नाम पर पहुंची बाद मे इन इंटरव्यू लेने वालो के साथ कुछ वैज्ञानिक और अति-होशियार लोगो को भी भेजा गया जिन सबका मकसद सिर्फ एक ही होता था की मेरे पास वो कोनसी शक्ति हे जिसके माध्यम से मे यह भविष्य देख पा रहा हु।

मेने हर बार ही अपना भविष्य जिकारुल के माध्यम से पहले ही देख लिया था इसलिए जितनी बार भी मुझे इस तरह की मुसीबतो का सामना करना पड़ा मे बिलकुल निश्चिन्त हो कर करता चला गया।
परन्तु आज जब जिकारुल से बात हुई तो जिकारुल ने मुझे बहुत चौकाने वाली बात कही।।

जिकारुल ने कहा – योगी तुम्हारे पास से यह यन्त्र आज से ठीक सातवे दिन एक वैज्ञानिक छीन लेगा।

उसे रोकने का कोई तरीका हे ? मेने तुरंत पूछा।

दुर्भाग्य से नहीं जैसा की तुम जानते हो हम सिर्फ भविष्य देख सकते हे परन्तु उसे बदल नहीं सकते इसलिए हम कुछ नहीं कर सकते। जिकारुल ने मेरी जिज्ञासा को शांत करते हुए कहा।

मेरा मन काफी विचलित हो चूका था परन्तु मेरे पास इसका कोई हल नहीं था न समझ नहीं आरहा था मे क्या करू। मेने खुद को संभालते हुए जिकारुल से कहा कोई बात नहीं 7 दिन मे अभी समय हे तब तक मे तुमसे और आगे के 7 दिनों के बारे मे जान लूंगा हो सकता हे वह मेरी इस परेशानी का कोई सार्थक जवाब मिल जाये।

यदि आप इस कहानी को एड के बिना पढ़ना चाहते हे तो आप अमेज़न या classbuddy वेबसाइट पर इसकी ebook खरीद कर पढ़ सकते हे।

जिकारुल ने कहा – हा हम ये कर सकते हे।

जैसे तैसे मेने बेचैनी से पूरी रात निकाली और अगला दिन भी आगया। मेने सबसे पहले सुबह उठते ही जिकारुल से अपना 7 दिन के बाद आने वाला भविष्य जानने की उत्सुकता मे संपर्क किया।
मुझे नहीं पता उसके वहा दिन था या रात पर मेरी उत्सुकता मुझे रुकने नहीं दे रही थी। इसलिए मेने जिकारुल से पूछा – क्या मुझे मेरा यन्त्र वापस मिला ?

जिकारुल ने गंभीर स्वर मे बहुत चौकाने वाला जवाब दिया – पता नहीं, क्योकि मे आगे का भविष्य नहीं दे पा रहा, मुझे आगे बस अँधेरा ही दिख रहा हे।

जिकारुल के इस जवाब को सुन कर मेरा हाल किसी दिल टूटे आशिक़ से कम नहीं था। मुझे कुछ समझ नहीं आया आगे क्या होने वाला हे और मेरा मन कई शंकाओ से गिर गया।
क्या आगे दुनिया ख़तम होने वाली हे ?
क्या 7 दिन बाद दुनिया का अस्तित्व ख़तम हो जायेगा ? क्या यही वहज हे जिसकी वजह से जिकारुल मेरे आगे का भविष्य नहीं देख पा रहा।
क्या 7 दिन बाद मे मर जाऊंगा?
मेने जिकारुल से पूछा क्या किसी और का भविष्य दिख रहा हे ?
जिकारुल ने निराश स्वर मे कहा – नहीं।

अब मेरा मन और भी विचारो मे डूब चूका था मेने जिकारुल से बात ख़तम कर के आगे आने वाले 7 दिनों के लिए खुद को तैयार करने की ठान ली। जो होगा देखा जायेगा।
फिर अगले ही पल मेरे ही मन ने मुझसे पूछा पर अब आगे होगा क्या ?? जिसका की अभी मेरे पास भी कोई जवाब नहीं था।

नोट :- आगे की कहानी आपको पार्ट 4 के माध्यम से मिल जाएगी फिलाहल आपको यहाँ तक की कहानी कैसी लगी इस बात की जानकारी निचे दिए गए कमेंट बॉक्स के माध्यम से जरूर बताये और कहानी यदि पसंद आयी हो तो इस कहानी को अपने घर परिवार एवं मित्रो के साथ जरूर शेयर करे।

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